वतन के हित में सतत् ही रत, मेरा सभी जनों को है नमन। वतन के हित में सतत् ही रत, मेरा सभी जनों को है नमन।
चंचल मन लिए, हठेली हूँ मैं। हाँ ! औरत हूँ, एक पहेली हूँ मैं। चंचल मन लिए, हठेली हूँ मैं। हाँ ! औरत हूँ, एक पहेली हूँ मैं।
वो हमारे दिल मे कुछ ऐसे छाए , के हर रात हमारे ख्वाबों मे आऐ । वो हमारे दिल मे कुछ ऐसे छाए , के हर रात हमारे ख्वाबों मे आऐ ।
देखते देखते ये क्या हुआ पत्नी ने धीरे से पति कह दिया, मंदिर में घंटा बजाते हुए पु देखते देखते ये क्या हुआ पत्नी ने धीरे से पति कह दिया, मंदिर में घंटा बजा...
पतझड़ के बाद आया बसंत चारों ओर बहार ही बहार छा गई, पतझड़ के बाद आया बसंत चारों ओर बहार ही बहार छा गई,
शिकायतों को फेंक आया हूं एक दिन मैं कचरे के ढेर में शिकायतों को फेंक आया हूं एक दिन मैं कचरे के ढेर में